Diwali Laxmi Mata Ki Aarti: लक्ष्मी माता की आरती, ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता

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Diwali Laxmi Mata Ki Aarti 2023 : लक्ष्मी माता की आरती, ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता

Lakshmi Mata ki aarti Diwali 2023 : दिवाली पर मां लक्ष्मी की आरती, ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता का गायन परिवार के साथ करना बहुत ही शुभ फलदायी माना जाता है। इस आरती का गायन दिवाली पर सुबह शाम करें तो महालक्ष्मी माता की बड़ी कृपा होती है और खूब धन लाभ मिलता है।

 

ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता, मैय्या तुम ही जग माता।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता, मैय्या सुख संपत्ति पाता।
जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता, मैय्या तुम ही शुभ दाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता, मैय्या सब सद्गुण आता।
सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता, मैय्या वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता, मैय्या क्षीरगदधि की जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता, मैय्या जो कोई जन गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

सब बोलो लक्ष्मी माता की जय, लक्ष्मी नारायण की जय।

अर्थ:

ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।

तुम्हारी नित्य सेवा करते हैं, भगवान विष्णु।

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जगत की माता हो।

सूर्य और चंद्रमा तुम्हें ध्याते हैं, नारद ऋषि तुम्हें गाते हैं।

॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

तुम दुर्गा रूप हो, निराकार हो, और सुख-संपत्ति की दाता हो।

जो कोई तुम्हें ध्याता है, उसे ऋद्धि-सिद्धि और धन प्राप्त होता है।

॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

तुम पाताल लोक में निवास करती हो, और शुभता की दाता हो।

कर्मफल के प्रकाशक हो, और भव सागर की त्राता हो।

॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

जिस घर में तुम रहती हो, उस घर में सद्गुण आता है।

सब कार्य सिद्ध हो जाते हैं, और मन नहीं घबराता।

॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

तुमके बिना यज्ञ नहीं होता, और कोई वस्त्र नहीं पाता।

भोजन और पान का वैभव सब तुमसे आता है।

ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

तुमके शुभ गुणों से सुंदर मंदिर बनता है, और क्षीर सागर में जाता है।

रत्न चतुर्दशी के बिना कोई भी तुमको नहीं पाता।

॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

जो कोई पुरुष तुम्हारी आरती गाता है,

उसके मन में आनंद समाता है, और पाप उतर जाता है।

॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

**लक्ष्मी माता की आरती हिंदू धर्म में एक लोकप्रिय भक्ति गीत है। यह आरती दिवाली और अन्य शुभ अवसरों पर गाई जाती है। आरती में लक्ष्मी माता की महिमा का वर्णन किया गया है। लक्ष्मी माता को धन, समृद्धि और सौभाग्य की देवी माना जाता है।

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